शनिवार, 10 मई 2008

राम राम


राजस्थानी भाषा के समस्त प्रेमियों और शुभचिंतकों को राम राम

2 टिप्‍पणियां:

RAJ BIJARNIA ने कहा…

भाई दुष्यंत !
आपका ब्लॉग ''रेत राग '' पढ़ा,
दिल को छू गया !शब्दों का ताना बना बुनना
तो कोई आपसे सीखे!!
राजूराम बिजारनियाँ ''राज''
लूनकरनसर (बीकानेर ) www.rajbijarnia.blogspot.com
raj_slps@yahoo.com

nutan vyas ने कहा…

rajasthani bhasha ke prati aapka sneh saraahniya hai.!!
Shubhkaamnaen!!