सोमवार, 14 जुलाई 2008

कैक्टस में हाथ



अब नहीं उगते कैक्टस में हाथ
बचपन में मना करती थी
कहा करती थी माँ -
'मत मार बहन को
पाप लगेगा रे, पाप
देख, वह देख
वो काँटों वाला कैक्टस
उगा करत हैं उस में
पापी हाथ'
बच्चे डरते थे तब
लेकिन अब?
अब तो डरता नहीं कोई भी
हाँ,
उगते थे कभी, लेकिन
अब नहीं उगते कैक्टस में हाथ


मूलः जुगल परिहार
अनुवादः नीरज दइया

1 टिप्पणी:

अनुपम अग्रवाल ने कहा…

पहले माँ बताती बच्चे डरते थे
भाई - बहन साथ रहा करते थे
अब नही उगते कैकटस के हाथ
मगर रहते तो हैं कैकटस के साथ